Saturday, November 29, 2014

कई क़ातिल भी देखे ...

क़त्ल भी देखे थे और कई क़ातिल भी थे देखे पर....
झुकी पलकों के ख़ंजर चलाना कोई तुमसे सीखे ...

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इन पन्नो पे

वो कहते हैं कि कैसे लिख लेते हो तुम बातें दिल की इन पन्नो पे.... मैं कह देता हूँ कि बस जी लेता हूं मैं बातें दिल की इन पन्...

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