बड़े बदनाम है हम हो गए तेरे नाम को किताब पे उतार कर , और तुम हो कि आज भी मुह फेर के बैठे हो ,
Thursday, July 28, 2011
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इन पन्नो पे
वो कहते हैं कि कैसे लिख लेते हो तुम बातें दिल की इन पन्नो पे.... मैं कह देता हूँ कि बस जी लेता हूं मैं बातें दिल की इन पन्...
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किसी हंसी ख्वाब से सजा के कुछ, इस किताब पे रखता हूँ.. तेरी आँख जो खुल जाये, तो पढ़ लेना , एक जवाब जो रखता हूँ ... बड़े कमज़ोर हैं...
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यह कविता हमने अपनी माँ के लिए लिखी है.. इस पूरी दुनिया में उनसे प्यारा कोई ना था, ना कोई होगा.. माँ .. I LOVE YOU जब कभी दर्द...
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आज लम्हे बीत गए है वोह कुछ पुराने से ...जो कभी हमारे सबसे हसीं पल हुआ करते थे...आज इतनी भीड़ है कि खुद को खुद से भी नहीं मिला पते है हम सभी....
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बड़े दिन से था कुछ कहना , आज कह रही दिल की धड़कन, तेरे दिल से एक बात .. थोड़ी दूर तो बात, करते करते है चले आये हैं,कि थोड़ी और दूर, क्...
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बड़ी दुआओं से झुकी आँखों से, खुदा से जिसने माँगा था कभी .. आज वो माँ बाप की आँखों बेकार हूँ.. कि जा रहा हूँ मैं ... कभी जिनके पहलू ...