Thursday, May 26, 2011

मोहे दर्शन दे दो राम !!!!!!!!!!!

कल रात पटना के श्री महावीर मंदिर में कीर्तन के समय अचानक मन कुछ शब्दों के साथ कुछ गुनगुनाने लगा..और पहली बार एहसास हुआ कि शक्ति हमारे ही मन में ही होती है और हम पता नहीं कहाँ -कहाँ खोजते रहते है...अब यही आवाज आती है मन से कि मोहे दर्शन दे दो राम ....







मोहे तुम्हरी याद सताये,

मोहे अब कछु समझ ना आये ,

मोहे दर्शन दे दो राम ....

मोहे दर्शन दे दो राम ....



पाँव में हमरे कांटे चुभ गये,

नयन ये मेरे आंश से भर गये,

ये दुनिया का अजब है खेला,
सब कोई अपने पाप में भर गये,


मोहे राह ना कोई दिखाये,

मोहे बात ना कोई सुझाये,

मोहे दर्शन दे दो राम,
मोहे दर्शन दे दो राम,


यह मंदिर है ठंडक देवे ,

मन के मेरे चीर पिरोये,

कष्ट हमारा इहे मिटे है,

जब चरनन में तुम्हरे सोवे,



तुम्हे हर एक सांस बुलाये,

मोहे तुम्हरी याद सताए,

मोहे दर्शन दे दो राम,

मोहे दर्शन दे दो राम....

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