Tuesday, January 18, 2011

तेरा हो जाता....

अश्क़ झलक उठते है इन आँखों से बेहिसाब,
जो मेरे शामियाने में है जिक्र तेरा हो जाता....

तू बेवफा न कद्र करती है संगेदिल ज़रा सा भी,
पास ज़रा जो आती तो हर अर्श तेरा हो जाता....

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