Friday, November 19, 2010

ये रात बड़ी रंगीन होती है..........


ये रात बड़ी रंगीन होती है ,क्यूँ लोग ये कहते है ,

पर हमने जब देखा ,बिन तेरे ,अँधेरे में कुछ चमकते तारे ही दीखते है ,

हो सकता है तुम नहीं हो ,तो हर रंग ,बेरंग सा हो लग रहा ,

वरना आँखों से बहते अंशू में भी हर रंग जहाँ के बहते है .

2 comments:

  1. ला-जवाब" जबर्दस्त!!

    .शब्दों को चुन-चुन कर तराशा है आपने ...प्रशंसनीय रचना।

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  2. shukriya sanjay ji..its always been nyc 2 hav sm appraisal..warna kitabon ke paano ka koi mol nahi hota na...
    thanx alot

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