एक तुम हो जो ज़माने से डरते हो .
खुदा की कलम से लिखा प्यार अपना ,
बेवजह ही यूँ तुम वक्त की राह तकते हो .
फिर भी हमे है इस इश्क पे ,
ऐएत्बार इतना की जरूर हम ,
पा लेंगे तुम्हे ,चाहे जमीं पे ,
या चाहे आसमा में रहते हो ।
बड़े बदनाम है हम हो गए तेरे नाम को किताब पे उतार कर , और तुम हो कि आज भी मुह फेर के बैठे हो ,
वो कहते हैं कि कैसे लिख लेते हो तुम बातें दिल की इन पन्नो पे.... मैं कह देता हूँ कि बस जी लेता हूं मैं बातें दिल की इन पन्...
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