जो उठे पलक तो नूर बरसे .
जो देख लो मुस्कुरा के एक बार तुम ,
तो तकदीर भी गुजरे इधर से .
हो भले चाह आपकी खुशबु की कितनी हमको ,
आप तो ना निकलो अपने घर से .
करे इबादत हम किस से तेरी ,
इस हुस्न को तो है हर कोई तरसे .
बड़े बदनाम है हम हो गए तेरे नाम को किताब पे उतार कर , और तुम हो कि आज भी मुह फेर के बैठे हो ,
वो कहते हैं कि कैसे लिख लेते हो तुम बातें दिल की इन पन्नो पे.... मैं कह देता हूँ कि बस जी लेता हूं मैं बातें दिल की इन पन्...
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