जब से दूर हो तुम गए ,
हर एक आहत पे लगे तुम आए ,
हर एक नूर में तुम दिखे ,
हँसी हो जाता समां ,
गर आंसूं की दुआ कुबूल हो जाती ,
और अदा हो जाते हो ख़त सारे ,
जो नाम हमने तेरे लिखे .
बड़े बदनाम है हम हो गए तेरे नाम को किताब पे उतार कर , और तुम हो कि आज भी मुह फेर के बैठे हो ,
वो कहते हैं कि कैसे लिख लेते हो तुम बातें दिल की इन पन्नो पे.... मैं कह देता हूँ कि बस जी लेता हूं मैं बातें दिल की इन पन्...
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